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सम्प्रेषण क्या है?

सम्प्रेषण 




सम्प्रेषण क्या है?

जब एक व्यक्ति अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाना ही संचार(सम्प्रेषण) है। सम्प्रेषण कई प्रकार से किया जाता है। कई साधनों से किया जाता है। एक व्यक्ति एक दिन में कई प्रकार से सम्प्रेषण करता है। जिन्हें में अपने आने वाले Blogs में बताऊँगा। एक व्यक्ति सम्प्रेषण करना अपने जन्म से सिख जाता है। 

प्रभावी सम्प्रेषण क्या है? 

जब सम्प्रेषण के माध्यमो को समय अनुसार उचित उपयोग कर साधारण सम्प्रेषण, प्रभावी सम्प्रेषण बन जाता है। साधारण सम्प्रेषण की तुलना में प्रभावी सम्प्रेषण का सामने वाले व्यक्ति पर बातो का अधिक प्रभाव पड़ता है। प्रभावी सम्प्रेषण से आप किसी झूठ को सच बना सकते हों। सामने वाले को अपने झूठ को प्रभावी सम्प्रेषण से छुपा सकता है।


सकारात्मक एवं नकारात्मक सम्प्रेषण।

सम्प्रेषण सकारात्मक या नकारात्मक नही होता है। बल्कि इससे सामने वाले पर पढ़ने वाला प्रभाव सकारात्मक या नकारत्मक होता है। उदाहरण के तौर पर एक सेल्समेन अपने समान को बेचने के लिए एक व्यक्ति को उसके समान के बारे में समझता है। सामने वाला व्यक्ति को उसके तरीके से लगता कि वो उसे झूठ कह रहा है, भले ही वो सच हो। इस प्रकार के सम्प्रेषण को नकारात्मक सम्प्रेषण कहेंगे, क्योंकि इसमें बातो का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वही एक चोर को जनता द्वारा पकड़े जाने पर वो जनता को सफाई से कहता है, कि वो चोर नही है। और जनता को उस पर विश्वास हो जाता है। इसे हम सकारात्मक सम्प्रेषण कहेंगे, क्योकि इसमे चोर अपने झूठ को भी इतने स्पष्ट कहा की उसकी बातों को लोगों ने सच मान लिया।

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