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मौखिक संचार(Oral Communication)

मौखिक संचार


जब कोई सम्प्रेषण बोलकर किया जाता है। जिसमें किसी भाषा का उपयोग होता है। जैसे :- हिन्दी,इंग्लिश या जंगली बूक फिल्म में बताई गई जंगली भाषा। ये सभी प्रकार के सम्प्रेषण मौखिक सम्प्रेषण है। इस सम्प्रेषण को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनो रूप से किया जाता है। जब बातचीत आमने-सामने की जाये तब इस सम्प्रेषण को प्रत्यक्ष मौखिक सम्प्रेषण कहेंगे। तथा जब इस सम्प्रेषण को मोबाइल फोन या किसी अन्य माध्यम से किया जाये तो इस सम्प्रेषण को अप्रत्यक्ष मौखिक सम्प्रेषण कहेंगे। इसे उपयोग करने वाला व्यक्ति को वक्ता एवं इसे ग्रहण करने वाले व्यक्ति हो श्रोता कहते है।

मौखिक सम्प्रेषण की विशेषताये 
1 मौखिक संचार अन्य संचार की तुलना में अधिक तीव्र एवं स्प्ष्ट होता है।
2  यह लिखित संचार की तुलना में कम या शून्य खचिला होता है।
3 मौखिक संचार  विश्वसनीय होता है।
4 मौखिक संचार का भंडारण संभव है।
5  मौखिक संचार में प्रतिक्रिया की गति भी तुरन्त होती है।
6  मौखिक संचार तत्काल निर्णय को संभव बनाता है।
7  इसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया के साथ केवल यही संचार करना सम्भव है।
8 तुरन्त क्रिया करता है।
9  बुलन्द से कहने पर लोगों को आकर्षित कर सकता है।
10 किसी साधन की आवश्यकता नही होती है।
11 आपात स्थिति में संचार का एकमात्र साधन है।
12 ये दोस्ताना व्यवहार प्रकट करता है।
13 ये लचीला होता है, जिस कारण प्रेरक की आवश्यकता अनुसार इसे बदला जा सकता है।



मौखिक सम्प्रेषण की सीमाए
1 यह लिखित सम्प्रेषण की तुलना में कम विश्वसनीय होती है।
2  संचार बढ़ाओ का अधिक प्रभाव पड़ता है।
3 कई मामलो में मौखिक संचार लिखित संचार से कम विश्वसनीय होता है। 
4 अधिकतर मामलों मे हम मौखिक संचार का भंडारण नही करते है। 
5 लिखित संचार की तुलना में मौखिक संचार में गोपनीयता का आभाव होता है।
6  ये वक्ता के स्वभाव,स्वास्थ एवं रवैये से प्रभावित होता है।
7 भविष्य के लिए रेकॉर्ड रखना कठिन होता है।



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मौखिक संचार के लाभ 

मौखिक संचार की सीमाएं

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