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सुडोकू गॉडफादर माकी काजी Sudoku's Godfather Maki kaaji

अगर आप से पूछा जाए कि आप किस नंबर वाली पहेली को समझते हैं, तब आपका उत्तर एक ही होगा वह होगा सुडोकू। आगरा की ऐसी कई सारी पहेलियां है, जिनमें केवल नंबरों का ही उपयोग होता है, जैसे काकेदू । पर पिछले दो दशकों में सुडोकु सबसे अधिक पचलित हो गई है। कहीं से दिमाग बढ़ाने के लिए सुलझाते जाते हैं, तो कई लोग इसे मनोरंजन के उद्देश्य से सुलझाते है। पर आज हम जिस व्यक्ति की बात करने वाले हैं। उन्हें सुडोकू का गॉडफादर कहा जाता है। 

सुडोकु के गॉडफादर कौन है? 

माकी काजी जिन्हें जिन्हें सुडोकू का गॉडफादर कहा जाता है। उनका जन्म 8 अक्टूम्बर 1951 को जापान के होक्काइडो के साप्पोरो में हुआ था। इन्होंने केवल इस खेल को बनाया भरे ही नहीं था, परन्तु बहुत लोकप्रिय भी किया। 100 से अधिक देशों में इस खेल को खेला जाता है। करीब 20 करोड़ लोगों का यह पसंदीदा पजल है।7 जुलाई 2021 को माकी काजी इस दुनिया को छोड़कर चले गए। इनकी मौत की वजह पित की नली में कैंसर को बताया गया है। 

 सुडोकु को किसने बनाया था ? 

इस पहेली वाले खेल का निर्माण स्विस के गणितज्ञ लियोनहार्ड यूलर ने 18 वी शताव्दी में किया था। 


image credit - the lallantop



1970 में माकी काजी अपनी पढ़ाई कियो यूनिवर्सिटी से कर रहे थे। पर इसी समय जापान-अमेरिका सुरक्षा समझौते के विरोध के चलते  उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। सन् 1980 में माकी काजी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पजल मैगजीन निकली जिसका नाम "पजल सुशीन निकोली" था। इसी मैगजीन में उन्होंने सुडोकु को भी प्रकाशित करना प्रारंभ किया। इसमें पजल के निर्माण के लिए अपनी टीम के अतिरिक्त संपादकों से भी सलाह ली जाती थी। सन् 1983 में इन्होंने निकोली कम्पनी की स्थापना की। 


कम्पनी का नाम निकोली क्यो? 

माकी काजी ने अपनी  कंपनी का नाम निकोली एक घोड़े के नाम पर रखा। जिसने सन् 1977 की आयरिश गिनीस रेस को जीता था।


सुडोकु का नाम सुडोकु क्यों? 

सन् 2008 में माफी काजी ने इस बताया था, उन्होंने इस पजल का नियम को जापानी में अनुवाद किया, तब उनके सामने आया  suuji wa dokushin ni kagiru जिसका अर्थ होता है, कि नंबर सिंगल होना चाहिए। इसी को छोटा करने पर सुडोकु बन गया। 



image credit - the lallantop


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